रायपुर
कन्फेडरेशन आॅफ आॅल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने बॉम्बे हाई कोर्ट के उस फैसले का स्वागत किया है जिसमें कोर्ट ने उन वस्तुओं की बिक्री पर रोक लगा दी है जो टेलीविजन विज्ञापन के माध्यम से यह दावा करते है कि उनके पास चमत्कारी या अलौकिक शक्तियां हैं, कोर्ट ने इसे  अवैध कहा है। यह निर्णय झूठे और भ्रामक दावों से लोगों की रक्षा करेगा। कैट ने इसका स्वागत किया है।

कैट के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष  अमर पारवानी ने कहा कि इस निर्णय के अनुसार केंद्र सरकार को इस विषय पर एक नीति बनाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि कैट  इस मामले में केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर से शीघ्र मिलेगा  और इस पर सरकार की एक नीति बनाने की मांग करेगा। कोर्ट निर्णय में कहा गया है कि काला जादू अधिनियम की धारा -3. इस तरह की प्रथाओं और जादू के प्रसार और प्रचार को प्रतिबंधित करती है। अधिनियम की धारा 3 (2) के तहत, इस तरह की गतिविधियों का प्रसारण भी एक अपराध है। जिसके अनुसार, वो टीवी चैनल जो चमत्कारी और अंधविश्वासी सामग्री के प्रचार से संबंधित विज्ञापनों का प्रसारण करते हैं, वे भी काला जादू अधिनियम की धारा 3 के तहत उत्तरदायी हैं।

उच्च न्यायालय ने महाराष्ट्र सरकार को ऐसे विज्ञापनों को रोकने के लिए एक विशेष प्रकोष्ठ बनाने का भी निर्देश दिया है जो कि इस प्रकार के विज्ञापन अगर किसी भी चैनल पर प्रसारित होते हैं तो उन्हें रोकेंगे और यह भी सुनिश्चित करेंगे कि इस तरह के विज्ञापन टीवी पर दोबारा प्रसारित न हों। पारवानी ने कहा कि न्यायालय के इस निर्देश की भावना को ध्यान में रखते हुए, कैट सूचना और प्रसारण मंत्री से केंद्रीय स्तर पर ऐसा एक सेल बनाने का भी आग्रह करेगा, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि इस तरह के विज्ञापन प्रसारित नहीं होने चाहिए और न केवल टीवी चैनल बल्कि जो व्यक्ति ऐसी सामग्री को बढ़ावा दे रहा है, उसके खिलाफ भी कार्रवाई की जा सकती है।

Source : Agency